9 ‘ANC Profile Test In Pregnancy In Hindi’, ANC प्रोफाइल टेस्ट क्या है?


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परिचय:

9 ‘ANC Profile Test In Pregnancy In Hindi’ इस लेख मे आपका स्वागत है। आम तौर पर कोई भी गर्भवती महिला जब पहली बार डॉक्टर या स्त्रीरोग चिकित्सक के पास जाती है तब डॉक्टर अक्सर उसे ‘ANC प्रोफाइल टेस्ट’ करने की सलाह देते है। इस टेस्ट को लेकर भावी माता पिता के मन मे कई सारे प्रश्न होते है। जैसे की ‘ANC Profile Test’ क्या है? ये टेस्ट प्रेग्नन्सी मे क्यूँ कीया जाता है?, इसमे कौन कौन से टेस्ट होते है? इस जैसे और कई और सवालों के जवाब हम इस लेख मे जानेंगे।

‘ANC Profile Test’ क्या है? :

एएनसी प्रोफ़ाइल टेस्ट प्रेग्नन्सी मे कीया जाने वाला एक रक्त परीक्षण या ब्लड टेस्ट है जो माँ के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी देता है। एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। इस लिए माँ के स्वास्थ्य के बारे मे जानने के लिए प्रेग्नन्सी शुरुवाती चरण याने पहले तीन महीने मे ‘ANC Profile Test’ करना जरूरी है।

‘ANC Profile Test’ का महत्व :

माँ के पेट के अंदर बच्चे का स्वास्थ्य इस बात से जुड़ा होता है कि माँ कितनी स्वस्थ है। ‘ANC Profile Test’ परीक्षण यह जांच कर सकता हैं कि क्या माँ को एनीमिया या मधुमेह जैसी कोई बीमारी है जो बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकती है। ये परीक्षण डॉक्टरों को यह जानने में मदद करते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए माँ और बच्चे को किस अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है। ये टेस्ट प्रेग्नन्सी के दौरान होने वाले कॉम्पलीकेशन को रोकने के लिए मदत करता है।

ANC Profile Test मे कौन कौन से टेस्ट शामिल है? (ANC Profile Test List)

इस टेस्ट मे नीचे दिए गए टेस्ट शामिल है।

  1. Complete Blood Count (CBC)/ Haemogram
  2. Blood group and RH type
  3. Urine routine examination test
  4. Glucose – fasting, PP and random (Sugar)
  5. HIV 1 and 2 test
  6. Hepatitis B surface antigen test (HbsAg)Rapid plasma reagin/
  7. VDRL test for screening syphilis
  8. Hemoglobin electrophoresis (HPLC)
  9. Thyroid Stimulating Hormone (TSH test)
ANC Profile Test In Pregnancy In Hindi

अब हम हर एक परीक्षण के बारेमे जानेंगे।

1. सीबीसी/ हीमोग्राम ( Complete Blood Count (CBC)/ Haemogram )

हीमोग्राम एक परीक्षण है जो जाँच करता है कि मां के रक्त में हीमोग्लोबिन कितना है। हीमोग्लोबिन मां के पेट में बच्चे को बढ़ने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है। परीक्षण यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि माँ के पास पर्याप्त हीमोग्लोबिन है। गर्भवती महिलाओं के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 से ज्यादा ( > 11gm/dl ) होना चाहिए। यदि हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम से कम है, तो इसका मतलब है कि रक्त में पर्याप्त आयरन नहीं है और मां को एनीमिया है। 

2. ब्लड ग्रुप ( Blood group and RH type)

Rh असंगति का निदान करने के लिए माँ का ब्लड ग्रुप महत्वपूर्ण है। Rh असंगति के सकारात्मक निदान के मामले में, जहां मां का  ब्लड ग्रुप निगेटिव है और बच्चे का ब्लड ग्रुप  Rh-पॉजिटिव है, तो ऐसे केस में बच्चे को Rh असंगति ( RH Incompatibility ) की नाम की बीमारि हो के बच्चे के जान को खतरा हो सकता है। इस कॉम्पलिकेशन को रोकने के लिए माँ का ब्लड ग्रुप पता होना जरुरी है

प्रेगनेंसी में (अनेमिया ) या डिलीवरी के टाइम ( पोस्ट पार्टम हेमरेज ) अगर किसी भी समय गर्भावती माँ को ब्लड की आवश्यकता होने पर ब्लड ग्रुप पता रहना जरुरी है।

3. यूरिन रूटीन ( Urine Routine )

मूत्र या यूरिन के इन्फेक्शन (यूटीआई) का पता लगाने के लिए मूत्र के नमूने की जाँच की जाती है। इस test में यूरिन में प्रोटीन, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी) और बैक्टीरिया की जांच की जाती है। यूरिन का इन्फेक्शन से प्रेगनेंसी में जल्दी डिलीवरी होना, बच्चे का वजन कम होना ऐसे कॉम्प्लिकेशन हो सकते है। ( Ref: National Library of Medicine ) अगर यूरिन में इन्फेक्शन है तो आपके गयनेकोलोजिस्ट उसके लिए दवा देते है।

 4.खून में शक्कर (Glucose – fasting, PP and random Sugar)

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो यह जानना ज़रूरी है कि उसके रक्त में कितनी शर्करा ( Blood Sugar ) कितनी है। यदि प्रेगनेंसी में शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाए तो उसे Gestational Diabetes ( गर्भावस्था में होने वाला डायबिटीज ) कहते है। यह होनेवाले बच्चे में समस्याएं जैसे के बच्चे का वजन ज्यादा बढ़ना(big baby), जल्दी दिलीवरी होना(preterm birth), बच्चा पेट में समाप्त होना ( still birth) पैदा कर सकता है। प्रेगनेंसी में बढ़ी हुई शुगर का जल्दी निदान होने से ट्रीटमेंट लेकर कॉम्प्लिकेशन्स रोके जा सकते है। इसलिए, ANC Profile में शुगर लेवल की  जाँच की जाती है।

5. एच आय वी (HIV)

गर्भावस्था की शुरुआत में माँ को एचआईवी इन्फेक्शन है के नाही इसका पता लगाने के लिए HIV रक्त परीक्षण किया जाता है। अगर माँ HIV पॉजिटिव है तो HIV नाल के माध्यम से मां से बच्चे में फैल सकता है, लेकिन एचआईवी  की दवा लेने और गर्भावस्था, प्रसव और प्रसव के दौरान और स्तनपान कराते समय कम वायरल लोड बनाए रखने से स्तनपान के माध्यम से बच्चे को HIV इन्फेक्शन होने की संभावना 1% से कम हो जाती है। (Reference : CDC Guidelines ) इसलिए बच्चे में HIV इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए यह परीक्षण महत्वपूर्ण है।

6.एचबीएसएजी (HbSAg)

Hepatitis B एक लिवर से जुडी बीमारि है जो Hepatitis वायरस के बजे से होती है। इस बीमारि में लिवर में सूजन आती है। यह बीमारी क्रोनिक बीमारी का कारण बन सकती है जिसके बजह से लिवर सिरोसीस और कैंसर जैसे बीमारी होने का खतरा रहता है।

HBsAg परीक्षण डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या गर्भावती माता को हेपेटाइटिस बी बीमारी है या नाही। यदि HBsAg टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो गर्भावस्था के दौरान बच्चे को  हेपेटाइटिस बी बीमारी फैलने का खतरा होता है। ऐसे केस में सही इलाज और बच्चे को डिलीवरी के बाद इम्यूनगलोबुलीन (hepatitis B immune globulin HBIG ), और hepatitis B का टिका देके hepatitis B बीमारी फैलने का खतरा कम किया जा सकता है।

7. वीडीआरएल (VDRL)

वीडीआरएल परीक्षण एक विशेष परीक्षण है जो डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद करता है की गर्भावती माता को सिफलिस ( Syphilis) नामक बीमारी है या नाही।

सिफलिस एक यौन सम्बन्ध द्वारा (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) फैलाने वाल जीवाणु  का ( बैक्टीरियाल) इन्फेक्शन है जो ट्रेपोनिमा पैलिडम नाम के बैक्टीरिया से होता है।

यदि गर्भवती माँ को सिफिलिस हैं, तो उससे अजन्मे बच्चे को सिफलिस इन्फेक्शन हो सकता हैं। प्रेगनेंसी मी सिफिलिस होने पर गर्भपात, बच्चा पेट में समाप्त होना ( still birth ), बच्चे को सिफिलिस होना जैसे कॉम्प्लिकेश हो सकते है। लेकिन प्रेगनेंसी में सिफिलिस का जल्दी इलाज करने से इन कॉम्प्लिकेशन को रोका जा सकता है।

8.हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रीफोरेसिस Hemoglobin electrophoresis (HPLC- High-performance liquid chromatography)

हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस एक परीक्षण है जो डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या किसी के रक्त में कुछ प्रकार का असामान्य हीमोग्लोबिन है। ये असामान्य प्रकार के हीमोग्लोबिन शरीर में कुछ विकार ( Haemoglobinopathies ) जैसे के थैलेसीमिया Thalassemia,सिकल सेल एनीमिया Sickle Cell Anaemia पैदा कर सकते हैं। इन विकारों का पता लगाने के लिए हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रीफोरेसिस Hemoglobin electrophoresis (HPLC) टेस्ट किया जाता है। प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान इन Haemoglobinopathies से होने वाले कॉम्प्लिकेशन को रोकने के लिए इनका जल्दी पता लगाना और ट्रीटमेंट लेना आवश्यक है।

9. थायराइड फंक्शन टेस्ट ( Thyroid Function Test) : 

तीन प्रकार के थायराइड हार्मोन T3, T4, TSH थाइरोइड ग्रंथि द्वारा निर्माण किये जाते है। ये हार्मोन्स शरीर में उचित चयापचय कार्य सुनिश्चित करता है।

  • हाइपोथायरायडिजम (Hypothyroidism)

ज़्यादातर महिलाओं को हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) होता है जिसमे थायराइड ग्लैन्ड उचित मात्रा में हॉर्मोन नहीं बनाता। प्रेगनेंसी में महिलाओं को अक्सर सबक्लिनिकल हाइपोथायरायडिजम होता है। इस स्थिति में थायराइड के लक्षण दिखते नहीं है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान TSH हार्मोन का लेवल बहुत बढ़ जाता  है। इसके लिए सही उपचार जरुरी है। अगर इसका का इलाज नहीं करवाया गया तो यह बच्चे के विकास (cognivitive develoment) में बाधा डाल सकता है और कुछ केस में जल्दी डिलीवरी होना (Preterm Labour), प्रेगनेंसी में BP बढ़ना ( PIH )और गर्भपात (Misscarriage) की संभावना  बढ़ सकती है।

  • हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)

काफी कम महिलाओं को हाइपरथायरायडिज्म होता है और इसके लिए ऐन्टी-थायराइड की दवाई लेने पड़ती हैं। हाइपरथायरायडिज्म में और अधिक जाँच की आवश्यकता होती है क्यूंकि इस से होने वाले बच्चे के थायराइड पर भी असर पड़ सकता है। अगर इसका उपचार नाही किया तो भी जल्दी डिलीवरी (Preterm Labour), प्रेगनेंसी में BP बढ़ना ( PIH )और गर्भपात (Miscarriage ) की संभावना  बढ़ सकती है।

एएनसी प्रोफाइल संक्षिप्तमें (ANC Profile Test in Short)

ANC प्रोफाइल एक रक्त परीक्षण या ब्लड टेस्ट है जो माँ के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी देता है।
फूल फॉर्म ऐनटी नाटल केयर प्रोफइल 
कब किया जाता है?प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में 
तैयारी टेस्ट से पहले 8 घंटे कूच न खाये और पिए ( सुबह खाली पेट टेस्ट किया जाता है।
कीमत 1200 रु से लेकर 2000 रु तक 
रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?8 से 24 घंटे 
टेस्ट के दूसरे नाम Antenatal Panel, Prenatal Test, Antenatal/ Prenatal Screening, Obstetric Panel,

निष्कर्ष

माँ और गर्भ के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए गर्भावस्था की पहले तीन महीनों में एएनसी प्रोफाइल परीक्षण किया जाना चाहिए। नियमित चिकित्सा परीक्षणों और डायग्नोस्टिक स्कैन के अलावा, ये परीक्षण संपूर्ण प्रसवपूर्व देखभाल का हिस्सा होते हैं। एएनसी प्रोफ़ाइल परीक्षण महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे स्त्री रोग विशेषज्ञ को आगे की कार्रवाई की योजना बनाने और प्रसव के दौरान आवश्यक उपाय करने में मदद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1. ANC प्रोफाइल टेस्ट क्या है?

Ans. एएनसी प्रोफ़ाइल टेस्ट प्रेग्नन्सी मे कीया जाने वाला एक रक्त परीक्षण या ब्लड टेस्ट है जो माँ के स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी देता है।

Q2. ANC का फुल फॉर्म क्या है? (ANC Profile Full Form)

ANC का फुल फॉर्म एन्टीनेटल केयर (Antenatal Care) है।

Q3. एएनसी प्रोफाइल में कितने टेस्ट होते हैं?

Ans. ANC प्रोफाइल में निचे दिए गए 9 टेस्ट होते है।

Complete Blood Count (CBC)/ Haemogram 
Blood group and RH type
Urine routine examination test
Glucose – fasting, PP and random (Sugar)
HIV 1 and 2 test
Hepatitis B surface antigen test (HbsAg)
Rapid plasma reagin/ VDRL test for screening syphilis
Hemoglobin electrophoresis (HPLC)
Thyroid Stimulating Hormone (TSH test)


Q4. ANC प्रोफाइल टेस्ट की कीमत कितनी होती है? (ANC Profile Test Price)

Ans. ANC प्रोफाइल टेस्ट की कीमत आम तौर पे 1200 रु. से 2000 रु. तक होती है।

Q5. क्या एएनसी प्रोफाइल टेस्ट के लिए खाली पेट रहना आवश्यक है?

Ans.हाँ। एएनसी प्रोफ़ाइल टेस्ट में शुगर का परीक्षण शामिल हैं जहां आपको खाली पेट रेहना चाहिए।


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