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Table of Contents
1. परिचय:
गर्भावस्था एक खूबसूरत और रोमांचक यात्रा है, लेकिन यह कुछ चिंताओं और अनिश्चितताओं के साथ भी आती है। प्रसव पूर्व देखभाल का एक आवश्यक पहलू आनुवंशिक परीक्षण है, जो संभावित जोखिमों और स्थितियों की जल्द पहचान करने में मदद करता है। आज कल बोहोतसे भावी माता को डॉक्टर एनआईपीटी टेस्ट ( NIPT Test ) करने की सलाह देते है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम एनआईपीटी टेस्ट के बारेमे हिन्दी भाषा मे ( NIPT Test in Hindi ) गहराई से जानेंगे, यह खोजेंगे कि यह क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके लाभ, और परीक्षण का चयन करने से पहले आपको क्या जानना चाहिए।
2.एनआईपीटी का फुल फॉर्म क्या है? (NIPT test full form)
‘एनआईपीटी’ का फुल फॉर्म ‘नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग’ ( Non Invasive Prenatal Testing ) है।
Non invasive – बिना कोई चीर फाड़ किए
Prenatal – जन्म के पूर्व कीया जाने वाला
Testing – जांच
3.एनआईपीटी टेस्ट क्या है?( what is nipt test?, nipt test means )
एनआईपीटी एक अत्याधुनिक प्रेग्नन्सी मे कीया जाने वाला (NIPT Test in Pregnancy) टेस्ट है जो गर्भ के आनुवंशिक स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। यह टेस्ट होने वाले बच्चे को आनुवंशिक बीमारी होने के रिस्क के बारे मे बताते है।
एमनियोसेंटेसिस (Amniocentesis) या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (Chorionic villus sampling) इन पारंपरिक टेस्ट के विपरीत, एनआईपीटी एक नॉन-इनवेसिव (Non Invasive) टेस्ट है, जिसमें गर्भवती मां से केवल एक साधारण रक्त नमूने की आवश्यकता होती है। यह टेस्ट मां के ब्लड में मौजूद बच्चे के डीएनए के अंशों का विश्लेषण करता है, जिससे कुछ गुणसूत्र असामान्यताओं और आनुवंशिक विकार (Down’s syndrome or trisomy 21,Edward’s syndrome or trisomy 18, Patau syndrome or trisomy 13 etc.) होने के रिस्क के बारे मे पता चलता है। (Reference : National Library of Medicine)
एमनियोसेंटेसिस (Amniocentesis) और कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (Chorionic villus sampling) ये दो टेस्ट प्रेग्नन्सी मे होने वाले बच्चे को आनुवंशिक विकार का निदान करने के लिए किए जाने वाले इनवेसिव टेस्ट (Invasive Test ) है।
Amniocentesis इस टेस्ट मे माता के गर्भाशय के अंदर से थोड़ी मात्रा में एमनियोटिक द्रव या गर्भ के आस-पास का पनि निकालने के लिए एक सुई का उपयोग करता है।
Chorionic Villus Sampling इस टेस्ट मे सोनोग्राफी के मदद से एक सुई को गर्भाशय में डाला जाता है और प्लेसेंटा यानि वह स्थान है जो बच्चे को माँ से जोड़ता है से कोशिकाओं का एक छोटा सा नमूना लिया किया जाता है।
4.एनआईपीटी कैसे काम करता है? ( How NIPT test in Pregnancy is done ? )
प्रेग्नन्सी के दौरान, बच्चे के डीएनए की थोड़ी मात्रा स्वाभाविक रूप से माँ के रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है। एनआईपीटी टेस्ट माँ के ब्लड से बच्चे के डीएनए को अलग करता है और बच्चे के डीएनए का विश्लेषण करके होने वाले बच्चे को क्रोमोसोमल विकार होने के रिस्क के बारे जानकारी देता है। ये टेस्ट मुख्य रूप से तीन गुणसूत्र असामान्यता या क्रोमोसोमल विकारों पर केंद्रित है: डाउन सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 21), एडवर्ड्स सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 18), और पटौ सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 13)। इसके अतिरिक्त, एनआईपीटी टेस्ट सेक्स क्रोमोसोम असामान्यताओं और कुछ दुर्लभ आनुवंशिक विकारों की भी जांच कर सकता है।
5. एनआईपीटी पर किसे करना चाहिए? ( When to do NIPT test in Pregnancy ? )
NIPT test करने की सिफारिश आमतौर पर नीचे दिए गए गर्भवती महिलाओं के लिए दी जाती है ।
- गर्भवती महिला की उम्र 35 वर्ष से अधिक है।
- गर्भवती महिला को क्रोमोसोमल विकार वाल पिछला बच्चा है।
- गर्भवती महिला के परिवार मे आनुवंशिक विकारों का पिछला इतिहास है।
- गर्भवती महिला की १ २ हफ्ते की अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी पर कुच असामान्य निष्कर्ष पाये गए है।
हालाँकि, यह याद रखना आवश्यक है कि NIPT test एक स्क्रीनिंग टेस्ट है न कि डायग्नोस्टिक टेस्ट। इसका मतलब इस टेस्ट से गर्भ मे क्रोमोसोमल विकार होने का रिस्क ज्यादा है या कम है यह पता लगता है। अगर क्रोमोसोमल विकारों का रिस्क ज्यादा है तो इसे कन्फर्म करने के लिए आगे डायग्नोस्टिक टेस्ट, जैसे एमनियोसेंटेसिस या सीवीएस के माध्यम से आगे की पुष्टि की आवश्यकता होती है। डायग्नोस्टिक टेस्ट से क्रोमोसोमल गर्भ मे क्रोमोसोमल विकार है के नाही इसका कन्फर्म निदान होता है।
6. एनआईपीटी टेस्ट का रिपोर्ट ( NIPT Test Report )
NIPT test का रिपोर्ट स्क्रीन पॉजिटिव या निगेटिव ऐसे दिया जाता है।
- Positive Result को High Risk भी कहा जाता है। Positive रिजल्ट मतलब गर्भ मे क्रोमोसोमल विकार होने की रिस्क ज्यादा है। पॉज़िटिव रिपोर्ट को कन्फर्म करने के लिए Amniocentesis और Chorionic Villus Sampaling जैसे टेस्ट करने की जरूरत होती है।
- Negative Result को Low Risk भी कहा जाता है। Negative रिजल्ट मतलब गर्भ मे क्रोमोसोमल विकार होने की रिस्क बोहोत कम है।
7. एनआईपीटी टेस्ट करने के फायदे: (NIPT test Benefits )
1. सुरक्षित (Safety) : एनआईपीटी एक सुरक्षित और Non Invasive टेस्ट है, जिससे Invasive टेस्ट (Amniocentesis, Chorionic Villus Sampling ) परीक्षणों की तुलना में गर्भपात का कोई खतरा नहीं होता है।
2. जल्दी निदान (Early Detection): NIPT test गर्भावस्था के 10 वे सप्ताह की शुरुआत में ही गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं का पता लगा सकता है।
3. सटीक परिणाम (Accurate Results): NIPT test ऐक्यरेट परिणाम का दावा करता है, विशेष रूप से डाउन सिंड्रोम जैसे सामान्य ट्राइसॉमी के लिए।
4. चिंता में कमी (Reduced Anxiety): एक नकारात्मक एनआईपीटी रिजल्ट (Low Risk NIPT Result) भावी माता पिता चिंता कम करता है।
5. अनावश्यक प्रक्रियाओं से बचना (Avoiding Unnecessary Procedures): एक नकारात्मक एनआईपीटी रिजल्ट (Low Risk NIPT Result) आने पर Amniocentesis और Chorionic Villus Sampling जैसे Invasive Test से बच जा सकता है।
8.सीमाएँ ( Limitations of NIPT Test )
एनआईपीटी टेस्ट की सीमाओं को समझना महत्वपूर्ण है:
1.गलत सकारात्मक/गलत नकारात्मक रिपोर्ट ( False Positives/False Negatives Results ): जबकि NIPT Test अत्यधिक और सटीक है, गलत सकारात्मक और गलत नकारात्मक परिणाम संभव हैं, यही कारण है कि Invasive Tests के माध्यम से पुष्टि आवश्यक हो सकती है।
2.सीमित दायरा (Limited Scope) :NIPT Test मुख्य रूप से विशिष्ट गुणसूत्र असामान्यताओं और आनुवंशिक स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करता है और सभी संभावित मुद्दों का पता नहीं लगा सकता है।
3. लागत ( NIPT Test Price, NIPT Cost ): एनआईपीटी पारंपरिक स्क्रीनिंग परीक्षणों की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है। भारत मे NIPT Test करने के लिए लगभग ₹15000- ₹22,000 तक खर्च आता है।
9. निष्कर्ष:
नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग (NIPT Test) प्रसव पूर्व देखभाल में एक क्रांतिकारी टेस्ट है, जो भावी माता-पिता को बिना जोखिम के साथ अपने बच्चे के आनुवंशिक स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती है। हालांकि यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एनआईपीटी एक नैदानिक परीक्षण नहीं है, ( Not a Diagnostic Test ) और आगे के परीक्षण के माध्यम से सकारात्मक परिणाम की पुष्टि की जानी चाहिए।
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10. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. NIPT Test Report पॉसिटिव आने पर क्या होता है?
पॉजिटिव रिपोर्ट का मतलब बच्चे को क्रोमोसोमल विकारों का खतरा ज्यादा हो सकता है। पॉज़िटिव रिपोर्ट को कन्फर्म करने के लिए Amniocentesis और Chorionic Villus Sampling जैसे टेस्ट करने की जरूरत होती है।
Q2. NIPT Test किसके लिए होता है?
NIPT Test का मतलब नॉनइनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग है। यह प्रेग्नन्सी मे किया जाने वाला एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जो ये देखने के लिए किया जाता है कि क्या गर्भ को कोई क्रोमोसोमल विकार जैसे की डाउन सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 21), ट्राइसॉमी 18 (एडवर्ड्स सिंड्रोम) और ट्राइसॉमी 13 (पटौ सिंड्रोम) होने का खतरा है की नाही।
Q3. NIPT Test Report आने मे कितना समय लगता है?
NIPT Test Report आने मे 3 दिन से 10 दिन लग सकते है? कई बार इसमें दो हप्ते तक का समय लग सकता है।
Q4. NIPT Test Price कितनी होती है?
भारत मे NIPT Test करने के लिए लगभग ₹15000- ₹22,000 तक खर्च आता है।
Q5. पॉजिटिव NIPT Test रिपोर्ट आने की संभावना क्या है?
NIPT Test रिपोर्ट 95 से 99% महिलाओं मे नकारात्मक याने नॉर्मल आते है। 1 से 5% केसेस में NIPT Test रिपोर्ट पॉजिटिव आने की संभावना होती है।
Good Article.