Ectopic Pregnancy in Hindi, एक्टोपिक प्रेग्नन्सी क्या है?


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परिचय

प्रेग्नन्सी एक महिला के जीवन में एक सुंदर चरण है, लेकिन कभी-कभी, प्रेग्नन्सी के दौरान कुछ कॉम्पलीकेशन उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि एक्टोपिक प्रेग्नन्सी (Ectopic Pregnancy)। इस लेख मे हम एक्टोपिक प्रेग्नन्सी क्या है?, इसके कारण, लक्षण, निदान और उपचार के विकल्प आसान हिंदी भाषा (Ectopic Pregnancy in Hindi) मे जनेंगे.

Table of Contents

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी क्या है? ( What is Ectopic Pregnancy?, Ectopic Pregnancy Means)

what is ectopic pregnancy?

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी, प्रेग्नन्सी की एक असाधारण ( abnormal ) स्थिति है जिसमें गर्भ गर्भाशय के बाहर, आमतौर पर Fallopian Tube (97%)या गर्भनालिक में प्रत्यारोपित हो जाता है। कुछ दुर्लभ मामलों में, अंडाशय (Ovarian Ectopic), पेट (Abdominal Ectopic) या गर्भाशय के निचले हिस्से में (Cervical Ectopic) प्रत्यारोपित (स्थित ) हो सकता है। इस प्रकार की प्रेग्नन्सी abnormal होती है और माँ के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती है। एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का रिस्क सभी प्रेग्नन्सी मे 0.25% से लेकर 2% तक हो सकता है। (Reference: FOGSI GCPR on Ectopic Pregnancy)

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के कारण (Ectopic Pregnancy Causes)

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के कई कारक हो सकते हैं। नीचे कुच मुख्य कारण दिए हैं:

1. खराब फैलोपियन ट्यूब (Damaged Fallopian Tubes) : फैलोपियन ट्यूब में इन्फेक्शन या सूजन के कारण , फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है या छोटी/ abnormal हो सकती है।  जिससे फलित गर्भ का गर्भाशय तक जाना मुश्किल हो जाता है। इससे गर्भ गर्भाशय के अंदर नाही पोहोचता और गर्भाशय के बाहर जदातर गर्भनलिक या फैलोपियन ट्यूब मे स्थित हो जाता है।   

2.हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances): कुछ हार्मोनल इम्बैलन्स फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से फलित गर्भ के गर्भाशय मे जाने की गति को प्रभावित कर सकते  हैं, जिसके कारण गर्भ गलत स्थान पर स्थित  होता है।

3. पिछली सर्जरी (Previous Surgeries): जिन महिलाओं पहले कुच कारणों से fallopian tube की पेल्विक सर्जरी या पेट के निचले भाग की कोई सर्जरी हुई है उनमें एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का खतरा बढ़ सकता है।

4.संक्रमण (Infections): पेट के निचले भाग के सूजन संबंधी रोग ( Pelvic inflammatory diseases) और sexually transmitted infections से फैलोपियन ट्यूब खराब हो सकती हैं, जिससे Ectopic Pregnancy हो सकती है। 

5.Infertility, ovulation induction and ART (Artificial Reproductive Techniques) procedures जैसे की आइ वी एफ 

6. स्मोकिंग 

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के लक्षण (Ectopic Pregnancy Symptoms)

ectopic pregnancy symptoms

जल्दी निदान और ट्रीटमेंट के लिए एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के लक्षणों की पहचानना महत्वपूर्ण है। कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नीचे दिए हैं:

1. पेट दर्द (Abdominal Pain) : पेट के एक तरफ जोर से दर्द एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का एक विशिष्ट लक्षण है।

2. योनि से रक्तस्राव (Vaginal Bleeding): योनि से हल्का या भारी रक्तस्राव हो सकता है।

3. कंधे में दर्द (Shoulder Pain): कुछ मामलों में, पेट के अंदर ब्लीडिंग होने से डायाफ्राम को diaphragm का इरिटैशन  होता है जिसके  के कारण महिला को कंधे में दर्द का अनुभव हो सकता है।

4. चक्कर आना और बेहोशी (Dizziness and Fainting): पेट के अंदर ब्लीडिंग होने से चक्कर आना, कमजोरी और यहां तक ​​कि बेहोशी भी हो सकती है।

ध्यान रखे यादी आपके पिरियड मिस हुये है, प्रेग्नन्सी टेस्ट पॉसिटीव्ह है, पेट मे ज्यादा दर्द है, और योनीमार्ग से ब्लीडींग हो रहा है ( Missed Period, Positive Pregnancy Test, Severe Abdominal Pain and Vaginal Bleeding)तो यह एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के लक्षण हो सकते है। यह लक्षण ज्यादा तर एबॉर्शन के केस मे भी दिखाए देते है। ऐसे समय पर तुरंत अपने डॉक्टर या गयनेकोलोगिस्ट की सलाह लेना और ट्रीटमेंट करना जरुरी है।

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का निदान (Diagnosis of Ectopic Pregnancy)

Diagnosis of Ectopic Pregnancy

यदि किसी गर्भवती महिला को ऊपर दिए गए कोई भी लक्षण का अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर से लेना आवश्यक है।नीचे दिए गए टेस्ट करके एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का निदान कीया जाता है:

1. ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound): यह योनिमार्ग (vagina) से कीया जाने वाला सोनोग्राफी होती है। इससे डॉक्टर को गर्भ के स्थान की जानकारी मिलती है। 

2. रक्त परीक्षण (Blood Tests): गर्भवती महिला के खून मे हार्मोन Beta hCG (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन) के स्तर की टेस्ट से एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के निदान करने में सहायता मिल सकती है।

उपचार (Ectopic Pregnancy Treatment)

प्रेग्नन्सी की ट्रीटमेंट प्रेग्नन्सी का कालावधी, गर्भवती माता को क्या लक्षण है ये देख कर स्थिति की गंभीरता निर्धारित की जाती है और उसके हिसाब से ट्रीटमेंट कीया जाता है। ट्रीएक्टोपिक टमेंट मे नीचे दिए गए विकल्प शामिल हैं:

1. इन्जेक्शन (Medical Management): कुच मामलों में जैसे की गर्भ बोहोत छोटा हो (<35 mm ), गर्भ मे धड़कन या heart beats नाही है, माता के शरीर मे Beta hCG हार्मोन की लेवल 1500 mIU/mL से कम हो ऐसे स्थिति मे Methotrexate इंजेक्शन दिया जा सकता है।ये दवाई एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के विकास को रोकती है।

2.सर्जरी: यदि एक्टोपिक प्रेग्नन्सी काफी बढ़ गई है या माँ के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है, तो एक्टोपिक प्रेग्नन्सी को निकालने के लिए सर्जरी हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है।

इसमे दो प्रकार की सर्जरी होती है। 

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (दूरबीन द्वारा/ Laproscopy) : अगर माता की स्थिति स्थिर है तो लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जा सकती है। इस सर्जरी मे, लेप्रोस्कोप नामक एक विशेष उपकरण को पेट पर छोटे छिद्रों में से डाला जाता है। यदि पेट के अंदर की नलियों (fallopian tube) में कुछ खराबी है, तो उसे  बाहर निकालने की आवश्यकता हो सकती है। 
  • लैपरोटॉमी (Laprotomy): ये सर्जरी ईमर्जन्सी केस मे की जाती है। कई बार एक्टोपिक प्रेग्नन्सी पेट के अंदर फट (Ruptured Ectopic) जाती है। ऐसे केस मे पेट के अंदर ब्लीडिंग होता है। जादा रक्तसत्राव होने पर गर्भवती महिला बेहिश हो जाती है। ऐसे केस मे ईमर्जन्सी लैपरोटॉमी सर्जरी करनी पड़ती है। इस सर्जरी मे पेट पर बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन किया जाता है। इस विशेष प्रकार की सर्जरी को लैपरोटॉमी कहा जाता है। ऐसे केस मे (Ruptured Ectopic) तुरन्त ट्रीट्मन्ट नाही करने से माँ की जान को खतरा हो सकता है।

एक्टोपिक प्रेग्नन्सी से बचाव कैसे करे?(Prevention of Ectopic Pregnancy)

हालाँकि एक्टोपिक प्रेग्नन्सी को हमेशा रोका नहीं जा सकता है, लेकिन नीचे दिए गए कुछ उपाय इसकी रिस्क को कम कर सकते हैं:

1. सुरक्षित यौन संबंध : सुरक्षित यौन संबंध बनाने से यौन संचारित संक्रमणों ( sexually transmitted disease )  को रोकने में मदद मिल सकती है जिससे पेल्विक सूजन की बीमारी ( Pelvic Inflammatory Disease )हो सकती है।

यह महत्वपूर्ण है कि बहुत सारे अलग-अलग लोगों के साथ यौन संबंध न बनाएं। यदि आप यौन संबंध बनाते हैं, तो खुद को बीमारियों और संक्रमणों से बचाने के लिए हमेशा कंडोम का उपयोग करें। 

2. प्रारंभिक जांच (Early Diagnosis): प्रेग्नन्सी का टेस्ट पॉसिटिव आने पर तुरंत और नियमित जांच से और प्रेग्नन्सी का शीघ्र पता लगाने से एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का शीघ्र पता लगाया जा सकता है। और जल्दी ट्रीटमेंट ले के आगे के कॉम्पलीकेशन को रोका जा सकता है। 

3. Smoking: इसके अलावा, यदि आप सिगरेट पीते हैं, तो इसे छोड़ दे। 

निष्कर्ष

“एक्टोपिक प्रेग्नन्सी” (Ectopic Pregnancy) एक गंभीर स्थिति है जो गर्भवती माता के लिजे जानलेवा खतरा बन सकती है। इसके लिए तत्काल ध्यान देने और ट्रीटमेंट लेने की आवश्यकता होती है। जल्दी निदान और ट्रीटमेंट लेने से कॉम्पलीकेशन को रोका जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1.प्रश्न: क्या एक्टोपिक प्रेग्नन्सी सामान्य प्रेग्नन्सी में बदल सकती है?

उत्तर: नहीं, एक एक्टोपिक प्रेग्नन्सी सामान्य प्रेग्नन्सी में विकसित नहीं हो सकती। कॉम्पलीकेशन से बचने के लिए इसका तुरंत इलाज किया जाना चाहिए।

2. प्रश्न: क्या एक से अधिक बार एक्टोपिक प्रेग्नन्सी हो सकती है?

उत्तर: हां, हालांकि यह दुर्लभ है,लेकिन एक से अधिक एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का अनुभव करना संभव है।

3. प्रश्न: क्या दवा से एक्टोपिक प्रेग्नन्सी को रोका जा सकता है?

 उत्तर: नाही। दुर्भाग्य से, दवा एक्टोपिक प्रेग्नन्सी को नहीं रोक सकती है, लेकिन शीघ्र पता लगने से समय पर उपचार में मदद मिल सकती है।

4. प्रश्न: क्या एक्टोपिक प्रेग्नन्सी के बाद प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है?

उत्तर: हां, कुछ मामलों में, प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है जैसे की अगर एक साइड का fallopian tube अगर निकाल गया हो, लेकिन कई महिलाएं उचित उपचार के बाद नॉर्मल रूप से प्रेग्नन्सी रेह सकती हैं।

5. प्रश्न: क्या एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव होता है?

   उत्तर: ज्यादातर मामलों में, समय पर उपचार के साथ, एक्टोपिक प्रेग्नन्सी का कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव नहीं होता है। हालाँकि, प्रजनन स्वास्थ्य की निगरानी के लिए नियमित जांच आवश्यक है।


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