Missed Abortion In Hindi : मिस्ड अबॉर्शन कारण, लक्षण और उपचार


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परिचय

Abortion या गर्भपात भावी माता-पिता के लिए एक बोहोत ही दुखद अनुभव होता है। इसका एक प्रकार जो अक्सर सोनोग्राफी करने पर पता चलता है, वह है मिस्ड अबॉर्शन (Missed Abortion)। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम “मिस्ड एबॉर्शन” विषय पर हिन्दी भाषा मे (Missed Abortion In Hindi) गहराई से चर्चा करेंगे और इसके कारणों, लक्षणों और उपचार पर प्रकाश डालेंगे।

मिस्ड अबॉर्शन क्या है? (What is Missed Abortion?, missed abortion means)

मिस्ड अबॉर्शन एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जहां गर्भाशय में गर्भ समाप्त हो जाता है, लेकिन शरीर उसे तुरंत बाहर नहीं निकालता है। “मिस्ड” शब्द का तात्पर्य यह है कि गर्भ के समाप्त होने पर भी लंबे समय तक इसका पता नाही चलता और सिर्फ सोनोग्राफी करने पर इसका निदान होता है। अन्य प्रकार के गर्भपात के विपरीत, जहां गर्भपात के लक्षण जैसे की पेट में दर्द, योनिमार्ग रक्तस्त्राव स्पष्ट होते हैं, Missed Abortion मे शरीर गर्भपात के कोई लक्षण नहीं दिखाता है।

मिस्ड अबॉर्शन के कारण (Missed Abortion Causes)

मिस्ड अबॉर्शन में कई कारण हो सकते हैं। अबॉर्शन की रिस्क को समझने के लिए और गर्भावस्था के दौरान उचित सावधानी बरतने के लिए इन कारणों को समझना आवश्यक है। कुच मुख्य कारण इस प्रकार है:

1. गुणसूत्र संबंधी असामान्यताएं (Chromosomal Abnormalities)

गर्भ में क्रोमोसोमल विकार लगभग 50% केसेस में अबॉर्शन का कारण बन सकते हैं। ( Source : National Librarary of Medicine) गर्भ तयार होने के दौरान, यदि गुणसूत्रों के विभाजन में कोई त्रुटि होती है, तो इसका परिणाम क्रोमोसोमल विकार मे हो सकता है। अगर सरल भाषा में समझे तो गर्भ तैयार होने के समय अगर गर्भ में कुछ कमी रेह जाती है तो प्रकृतिक रूप से ऐसे गर्भ का विकास नही होता और एबॉर्शन हो जाता है। कुच केसेस मे अगर ऐसे गर्भ का विकास होता है और बच्चे का जन्म होता है तो ऐसे बच्चे में क्रोमोसोमल विकार जैसे के डाउन्स सिनड्रोम ( Downs Syndrome ) के लक्षण दिखाई देते है। ऐसे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास नार्मल रूप से नही होता। ऐसे बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है।

2. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances)

गर्भावस्था को स्वस्थ बनाए रखने में हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हार्मोन में असंतुलन, विशेष रूप से गर्भ के विकास के लिए जो हार्मोन लगते है उनका असंतुलन होने से गर्भ के बढने में बाधा आती है, जिससे गर्भपात हो सकता है।

3.माता की उम्र (Maternal Age)

गर्भपात की रिस्क माता के उम्र से जुडी रहती है। गर्भावती माता की उम्र जीतनी ज्यादा उतनी ज्यादा गर्भपात की रिस्क ज्यादा होती है जिसमे मिस्ड एबॉर्शन भी शामिल है।क्यों की महिलाओं के बढ़ते उम्र के साथ गर्भ में क्रोमोसोमल विकार (Chromosomal Anomalies) होने की संभावना बढ़ जाती है।35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में कम उम्र की महिलाओं की तुलना में गर्भपात का खतरा अधिक होता है। 35 वर्ष की आयु में एबॉर्शन का रिस्क लगभग 20 प्रतिशत होता है। 40 वर्ष की आयु में, रिस्क लगभग 40 प्रतिशत है। और 45 वर्ष की आयु में, यह लगभग 80 प्रतिशत हो जाती है।

4. गर्भाशय संबंधी असामान्यताएं (Uterine Abnormalities)

गर्भाशय (Uterus) के आकार या संरचना में कोई खराबी हो तो यह गर्भ के बढ़ने में बाधा बन सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप गर्भपात हो सकता है। गर्भाशय मे गाठ होना (Uterine Fibroid) या गर्भाशय मे परदा होना (Septate Uterus) जैसी परिस्थितियोंमें गर्भाशय के अंदर गर्भ का ठीक से प्रत्यारोपण नही हो पाता है। जिसके कारण भी एबॉर्शन होता है।

5. पुरानी स्वास्थ्य सम्बधी बीमारियां (Chronic Health Conditions)

कुछ पुरानी स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियां, जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉयड विकार, गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, जिसमें मिस्ड एबॉर्शन भी शामिल है। प्रेग्नेंट होने से पहले इन बिमारियों का उचित प्उपचार कर के मिस्ड एबॉर्शन का रिस्क कम किया जा सकता है।

6.पिछला गर्भपात (Previous Abortions)

जिन महिलाओं का लगातार दो या अधिक बार गर्भपात हुआ हो उनमें मिस्ड एबॉर्शन का खतरा अधिक होता है।

7. धूम्रपान, शराब और अवैध दवाएं। ( Smoking, Alcohol and Drugs)

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं में धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में गर्भपात का खतरा अधिक होता है। भारी शराब के सेवन और अवैध नशीली दवाओं के सेवन से भी गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।

मिस्ड एबॉर्शन के लक्षण (Missed Abortion Symptoms in Hindi)

मिस्ड एबॉर्शन में महिला को किसी भी लक्षण जैसे के पेट दर्द या रक्तस्राव का अनुभव नाही होता है। बोहोतसे मामले मे गर्भावती महिला जब सोनोग्राफी करने के लिए जाती है तब सिनोग्राफी में मिस्ड एबॉर्शन का निदान होता है। इसलिए इसे साइलेंट मिसकैरेज (Scilent misscariage ) भी कहा जाता है।

निदान ( Diagnosis of Missed Abortion )

1. सोनोग्राफी (missed abortion ultrasound)

मिस्ड गर्भपात का निदान करने के लिए सोनोग्राफी एक महत्वपूर्ण साधन है। आम तौर पर प्रेगनेंसी में पीरियड मिस होने के 7 वे हफ्ते में ( 7 week from first day of last menstrual period) गर्भ की धड़कन (Heart Beats) सोनोग्राफी में दिखाई देती है। प्रेगनेंसी के 7 वे हफ्ते के बाद भी सोनोग्राफी में गर्भ के दिल की धड़कन की नाही दिखाई देना और गर्भ का विकास नाही होना यह मिस्ड एबॉर्शन की पुष्टि करता है।

2. रक्त परीक्षण (hCG Blood Test)

प्रेगनेंसी हार्मोन ह्यूमन कोरियोनिक गोन्याडोट्रोपिन ( हार्मोन के लेवल को मापने के लिए Beta hCG Blood Test किया जाता है। यह ब्लड टेस्ट निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या गर्भ उम्मीद के मुताबिक विकसित हो रहा है या नाही।

मिस्ड अबॉर्शन ट्रीटमेंट (missed abortion treatment)

मिस्ड अबॉर्शन का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके हैं। गर्भ के आयु के हिसाब से और व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर आपके डॉक्टर आप को नीचे दिए गए उपचार की सिफारिश कर सकते है।

1.Expectant Management :

इस तरीके मे नॅचरली तारिके से अबॉर्शन हो के गर्भ बाहर निकलने का इंतजार करते है। शरीर अंततः गर्भ को नॅचरल रूप से बाहर निकालता है। इस प्रक्रिया में कई सप्ताह लग सकते हैं। यदि यह सफल नहीं होता है, तो एबॉर्शन के लिए दवा या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

2. Medical Management

इस ट्रीटमेंट में गर्भ को गर्भाशय से बाहर निकलने के लिए मिसोप्रोस्टोल (Misoprostol) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह दवा गर्भपात को पूरा करने के लिए मदद करती है। अधिकांश लोगों को दावा लेने के बाद गर्भपात होने मे आमतौर पर लगभग 6-8  घंटे लगते हैं।

3. Surgical Management:

मिस्ड एबॉर्शन के गर्भ को निकलने के लिए सर्जिकल प्रक्रियाएं, जैसे कि Dilatation and Evacuation (D and E), की जाती हैं। D and E एक प्रकार सर्जरी है जिसमे खराब गर्भ को Suction Machine या MVA Syringe से गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है जिससे गर्भपात को पूरा हो जाता है।

4. Emotional Support:

अबॉर्शन को स्वीकारना महिला और उसके साथी दोनों के लिए भावनात्मक रूप से कष्टकारी होता है। इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान परिवार, दोस्तों से भावनात्मक सपोर्ट लेना फायदेमंद हो सकता है।

निष्कर्ष

मिस्ड एबॉर्शन को समझना भावी माता-पिता और प्रेगनेंसी की प्लॅनिंग कर रहे लोगों के लिए आवश्यक है। हालांकि यह एक कष्टकारी अनुभव है, इसके कारणों, लक्षणों और ट्रीटमेंट विकल्पों का ज्ञान व्यक्तियों को निर्णय लेने और समय पर चिकित्सा सहायता लेने में मदद कर सकता है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ)

1. क्या मिस्ड अबोर्शन को रोका जा सकता है?

मिस्ड अबोर्शन को हमेशा रोका नहीं जा सकता है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने, हानिकारक पदार्थों से परहेज करने और समय पर प्रसव पूर्व देखभाल लेने से जोखिम को कम किया जा सकता है।

2. क्या मिस्ड अबोर्शन होणे पर भविष्य में होणे वाले प्रेग्नन्सी पर असर पड़ सकता है?

कई मामलों में, मिस्ड अबोर्शन एक अलग घटना है और जरूरी नहीं कि इसका असर भविष्य की गर्भधारण पर पड़े। लेकीन जिन महिलाओं का लगातार दो या अधिक बार गर्भपात हुआ हो उनमें मिस्ड एबॉर्शन का खतरा अधिक होता है।

3. मिस्ड एबॉर्शन के बाद अगली प्रेगनेंसी के लिए कितने समय तक इंतजार करना चाहिए?

प्रत्येक व्यक्ति के लिए समय-सीमा अलग-अलग हो सकती है। लेकिन आम तौर पर मिस्ड एबॉर्शन के बाद 3 महीने तक अगली प्रेगनेंसी के लिए रुकना चाहिए।

4. एबॉर्शन होने के कितने दिन बाद पीरियड आता है?

एबॉर्शन के बाद 4 से 8 सप्ताह तक पीरियड आता है।

5. एबॉर्शन के बाद कितने दिन तक आराम करना चाहिए?

एबॉर्शन के बाद 15 से 30 दिनों तक पूरा आराम करना चाहिए।


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