Morning Sickness in hindi, मॉर्निंग सिकनेस क्या है ?


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परिचय:

प्रेगनेंन्सी एक महिला के जीवन में उत्साह और खुशी से भरी एक यात्रा है। हालाँकि, कई महिलाओं के लिए, इसके साथ कुछ असुविधाएँ भी होती हैं और सबसे आम समस्या है मॉर्निंग सिकनेस ( Morning Sickness )। इस लेख का उद्देश्य प्रेगनेंन्सी में मॉर्निंग सिकनेस के बारे में हिंदी भाषा ( Morning Sickness In Hindi ) मे व्यापक जानकारी प्रदान करना है, जिसमें हम इसके कारण, उपचार और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर जानेंगे।

मॉर्निंग सिकनेस क्या है? (What is Morning Meaning In Hindi)

मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness in pregnancy) यह प्रेगनेंन्सी के लक्षणोंमें होने वाला एक आम लक्षण है, जिसमें गर्भवती महिला को सुबह उठते ही जी मचलना और उल्टी की भावना होती है। आमतौर पर प्रेगनेंन्सी  के पहले तीन महीने के दौरान, लेकिन कुछ महिलाओं को पुरे प्रेगनेंन्सी  के दौरान भी इसका अनुभव हो सकता है। हालाँकि नाम से लगता है कि यह सुबह ( Morning Sickness ) होणेवाली परेशानी है लेकिन यह पूरे दिन में किसी भी समय हो सकता है। यह एक सामान्य स्थिति हो सकती है, लेकिन कुछ महिलाएं इसे ज्यादा महसूस कर सकती हैं।

मॉर्निंग सिकनेस के कारण (Causes of Morning Sickness)

मॉर्निंग सिकनेस के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण हैं:

  • गर्भावस्था के हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर मे विशेष रूप से एचसीजी ( hCG ) हार्मोनों का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सुबह उठते ही उल्टी की भावना हो सकती है।
  •  गंध के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि: प्रेगनेंन्सी  के दौरान, महिलाओं में अक्सर गंध की भावना बढ़ जाती है, और कुछ पदार्थ का गंध मतली या उलटी का कारण बन सकती हैं।
  • ऊंचा एस्ट्रोजन स्तर: गर्भावस्था के दौरान शरीर मे एस्ट्रोजन हार्मोन का उच्च स्तर भी मॉर्निंग सिकनेस में योगदान कर सकता है।
  • तनाव और भावनात्मक कारक: भावनात्मक तनाव और चिंता से मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण बढ़ सकते हैं।

मॉर्निंग सिकनेस के जोखिम कारण (Risk factors for Morning Sickness)

जो कोई भी गर्भवती है उसे मॉर्निंग सिकनेस हो सकता है, हालांकि नीचे दिये गये महिलाओमें मॉर्निंग सिकनेस होणे की जोखिम ज्यादा बढ़ सकती है:

  • गर्भवती होन से पहले महिला को अगर माइग्रेन (एक प्रकार का सारदर्द) या मोशन सिकनेस (लंबी यात्रा के दोरान होणे वाली उलटी) जैसी बीमारी हो तो मॉर्निंग सिकनेस होणे के आसार ज्यादा बढ जाते है।
  • पिछली प्रेगनेंन्सी  के दौरान मॉर्निंग सिकनेस का इतिहास रहा हो।
  • जुड़वा बच्चों या एक से ज्यादा बचोंकी प्रेगनेंन्सी  रेहना।

 

मॉर्निंग सिकनेस में लाभकारी घरेलू उपाय (Morning Sickness Treatment)

मॉर्निंग सिकनेस को प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ऐसे कई उपचार और जीवनशैली में बदलाव हैं जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जो उपाय एक महिला के लिए काम करता है वह दूसरी महिला के लिए भी काम कारेगा ऐसा नाही हो सकता। यह जाणना चाहिये कि व्यक्तिगत रूप से आपके लिए कोणसा उपाय करणे से राहत मिलती है। नीचे कुछ सामान्य उपाय दिए गए हैं:

  • छोटे-छोटे, बार-बार भोजन करना: दिन भर में छोटे-छोटे, बार-बार भोजन करने से आपके पेट को खाली रहने से रोका जा सकता है, जिससे मतली हो सकती है।
  • ट्रिगर खाद्य पदार्थों से परहेज: उन खाद्य पदार्थों या गंधों की पहचान करें जो आपकी मतली या उलटी की भावना होती हैं उनसे बचें।
  • ज्यादा तेल वाले और मसालेदार भोजन से बचें। आप सादे पके हुए आलू, केले, चावल, सूखे टोस्ट, अंडे जैसे नरम खाद्य पदार्थ खा सकते हैं।
  • अदरक: अदरक का उपयोग लंबे समय से मतली से राहत पाने के लिए किया जाता रहा है। आप अदरक की चाय, अदरक कैप्सूल और अदरक कैंडीज़ आज़मा सकते हैं। आप अदरक, तुलसी पत्ती और शहद की चाय बनाकर पी सकते हैं।
  • पर्याप्त आराम: पर्याप्त आराम और नींद लेने से थकान की भावना कम हो सकती है और मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण कम हो सकते हैं।
  • निम्बू पानी का सेवन: मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए, आप खाली पेट निम्बू पानी पी सकते हैं। निम्बू में विटामिन सी की मात्रा बढ़ती है, जो उल्टी को कम करने में मदद करता है।
  • टाइम पर खाएं और दिनचर्या का ध्यान रखें: मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए खाने का समय पर ध्यान रखना चाहिए और अपनी दिनचर्या को समय पर पूरा करना चाहिए। रोज़ाना एक समय पर खाने से उल्टी होने का खतरा कम होता है।

डॉक्टर से कब परामर्श लें (When to Consult a Doctor?)

यदि निम्नलिखित में से कोई भी आप पर लागू होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें:

• पेशाब नहीं आना या बहुत कम और गहरे रंग का पेशाब होणा।

• बिना उल्टी के आप कुछ भी खा या पी नहीं पाते हैं।

• जब आप खड़े होते हैं, तो आपको चक्कर या बेहोशी महसूस होती है और आपका दिल तेजी से धड़कने लगता है।

मॉर्निंग सिकनेस के दौरान बरतनेवली कुछ सावधानियां: (Precautions)

  • बिना डॉक्टर के सलाह दवाओं के इस्तेमाल से बचें: मॉर्निंग सिकनेस के लिए बिना डॉक्टर के सलाह के दवाएं लेने से बचें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं इस्तेमाल करने से आपको और आपके शिशु को नुकसान हो सकता है।
  • डॉक्टर से परामर्श करें: गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस के दौरान खासतौर पर अधिक उल्टी होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • खुद को सीधी धूप से बचाएं: गर्भावस्था के दौरान खासकर दोपहर के समय सीधी धूप के अत्यधिक संपर्क से बचना चाहिए। क्योंकि इससे निर्जलीकरण याने डीहायड्रेशन हो सकता है और मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण बिगड़ सकते हैं। दोपहर में बाहर निकलते समय पूरे शरीर को ढकने के लिए कपड़े और चश्मे का प्रयोग करें।

निष्कर्ष:

इस ब्लॉग में हमने मॉर्निंग सिकनेस (Morning Sickness in Hindi) के बारे में विस्तार से हिंदी मे जानकारी प्रदान की है। हमने बताया है कि मॉर्निंग सिकनेस क्या है, इसके कारण क्या होते हैं, इसके लक्षण, बचाव उपाय और संबंधित प्रश्नों के उत्तर। यह एक सामान्य गर्भावस्था की समस्या है और अधिकांश महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है। यदि आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या है और आपको इससे छुटकारा पाना है, तो आप ऊपर बताए गए घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन यदि लक्षण गंभीर हो रहे हैं और आपको और आपके शिशु को नुकसान हो रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ध्यान रहे कि गर्भावस्था में किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

Q1: क्या प्रेगनेंन्सी  में मॉर्निंग सिकनेस ( Morning Sickness ) मेरे बच्चे के लिए हानिकारक है?

A1: ज्यादातर मामलों में, मॉर्निंग सिकनेस शिशु के लिए हानिकारक नहीं होती है। यह प्रेगनेंन्सी  का एक सामान्य हिस्सा है और बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहते हैं। हालाँकि, यदि आपको गंभीर और लगातार उल्टी का अनुभव हो रहा है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। गंभीर मामले को ‘हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम’ कहा जाता है, जिसमें प्रेगनेंन्सी  के दौरान बहुत गंभीर उल्टी होती है, जिससे वजन घटता है और शरीर में पानी का स्तर कम हो जाता है, जो अंततः केटोनुरिया का कारण बनता है (जिसमें मूत्र में कीटोन बॉडी में वृद्धि होती है जो मॉर्निंग सिकनेस की गंभीरता को दीखाता है)। ऐसे मामलों में डॉक्टर की सलाह और अस्पताल में भर्ती होणे की आवश्यकता हो सकती है।

Q2: मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर कब शुरू और ख़त्म होती है?

A2: मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर प्रेगनेंन्सी  के 6 वें सप्ताह के आसपास शुरू होती है और 12 वें से 14 वें सप्ताह तक रह सकती है। हालाँकि कुछ मामलों में महिलाओं को प्रेगनेंन्सी  की पूरी अवधि के दौरान मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव हो सकता है।

Q3: क्या मैं मॉर्निंग सिकनेस के लिए दवा ले सकती हूँ?

A3: मॉर्निंग सिकनेस को प्रबंधित करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रेगनेंन्सी  के दौरान कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेणा महत्वपूर्ण है।

Q4: क्या मॉर्निंग सिकनेस स्वस्थ प्रेगनेंन्सी का संकेत देती है?

A4: हाँ, मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करना अक्सर स्वस्थ प्रेगनेंन्सी  का एक सकारात्मक संकेत माना जाता है। हालाँकि, मॉर्निंग सिकनेस की अनुपस्थिति जरूरी नहीं कि किसी समस्या का संकेत हो।

Q5: क्या मैं प्रेगनेंन्सी में मॉर्निंग सिकनेस को रोक सकती हूं?

A5: हालांकि मॉर्निंग सिकनेस को पूरी तरह से रोकना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन स्वस्थ जीवन शैली की आदतें जैसे कि थोड़ा-थोड़ा भोजन करना, बार-बार भोजन करना, हाइड्रेटेड रहना और तनाव को प्रबंधित करने से लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।


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