NT Scan in pregnancy in Hindi


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प्रेग्नन्सी के दौरान माँ को माँ और बढ़ते बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न चिकित्सा परीक्षणों और जांचों का सामना करना पड़ता है। इन महत्वपूर्ण परीक्षणों में से एक एनटी स्कैन ( NT Scan )है, जो बढ़ते बच्चे की स्वास्थ्य का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। NT Scan in pregnancy in Hindi इस जानकारीपूर्ण ब्लॉग में, हम इस बात पर करीब से नज़र डालेंगे कि एनटी स्कैन क्या है, यह क्यों किया जाता है, इसकी प्रक्रिया कैसे होती है, और परिणाम आपके और आपकी गर्भावस्था के लिए क्या मायने रखते हैं।

एनटी स्कैन क्या होता है? ( What is NT Scan)

nt scan

एनटी का मतलब “न्यूकल ट्रांसलूसेंसी” है और एनटी स्कैन एक विशेष अल्ट्रासाउंड है जो आपके बच्चे की गर्दन के पीछे की खाली जगह की मोटाई को मापता है। यह परीक्षण आम तौर पर गर्भावस्था के 11वें और 14वें सप्ताह के बीच किया जाता है और यह कुछ क्रोमोसोमल असामान्यताओं, मुख्य रूप से डाउन सिंड्रोम के लिए पहली तिमाही (गर्भावस्था के पहले तीन महीने) की जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

एनटी स्कैन क्यों किया जाता है?

why nt scan is done?

एनटी स्कैन कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करता है:

1. जल्द निदान करना: (Early Detection)

यह गर्भावस्था की शुरुआत में संभावित गुणसूत्र असामान्यताओं ( Chromosomal Abnormalities like Down Syndrome, Patau syndrome, Edwards syndrome ) का पता लगाने में मदद करता है।

2. जोखिम मूल्यांकन: (Risk Assessment)

न्यूकल ट्रांसलूसेंसी को मापकर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके बच्चे में डाउन सिंड्रोम, ट्राइसॉमी 13, या ट्राइसॉमी 18 जैसी स्थितियों के होने के जोखिम (Risk) का अनुमान लगा सकते हैं।

3. सूचित विकल्प: (Informed Choices)

एनटी स्कैन के परिणाम भावी माता-पिता को आगे के परीक्षण या गर्भावस्था प्रबंधन के संबंध में सूचित निर्णय लेने की अनुमति देते हैं।

when nt scan is done?

गर्भावस्था में क्रोमोसोमल असामान्यताओं का खतरा कितना है?

गर्भावस्था में क्रोमोसोमल असामान्यताओं का जोखिम गर्भवती माता की उम्र जैसे घटकों के आधार पर भिन्न होता है। 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए, जोखिम लगभग 500 गर्भधारण में से 1 है। हालाँकि, 35 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए, जोखिम काफी बढ़ जाता है, 200 में से 1 गर्भधारण 35 की उम्र में, 75 में से 1 40 की उम्र में, और 30 में से 1 45 की उम्र में। ये आंकड़े अंदाजन हैं और व्यक्तिगत घटकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। अन्य घटक जैसे क्रोमोसोमल असामान्यताओं का परिवार मे किसी को होना, पिछली गर्भावस्था में क्रोमोसोमल असामान्यताओं वाला बच्चा, आईवीएफ (IVF) जैसी सहायक प्रजनन तकनीकें ( Assisted Reproductive Techniques) भी क्रोमोसोमल विसंगतियों के जोखिम को बढ़ाती हैं।

एनटी स्कैन (NT Scan) की प्रक्रिया 

एनटी स्कैन एक सरल प्रक्रिया है। इसमे आप नीचे दी गई प्रक्रिया की उम्मीद कर सकते हैं। 

1. अल्ट्रासाउंड मशीन:

आपको जांच टेबल पर लेटने के लिए कहा जाएगा और आपके पेट पर एक जेल लगाया जाएगा। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एक अल्ट्रासाउंड जांच का प्रोब का उपयोग करेंगे जो एक सोनोग्राफी मशीन का एक हाथ मे पकड़नेवाला उपकरण है जो आपके बच्चे की तस्वीरें लेने के लिए आपके पेट के निचले हिस्से पर चलाते है।

2. माप:

सोनोलॉजिस्ट सावधानीपूर्वक न्यूकल ट्रांसलूसेंसी को मापेगा, जो कि बच्चे की गर्दन के पीछे तरल पदार्थ से भरी जगह है। यह माप आम तौर पर तब किया जाता है जब बच्चा एक विशिष्ट स्थिति में होता है।

3. कोई दर्द या साइड इफेक्ट नहीं:

यह प्रक्रिया दर्द रहित है और इसमें कोई साइड इफेक्ट शामिल नहीं है। आपको अल्ट्रासाउंड जांच से थोड़ा दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन यह असुविधाजनक नहीं है।

4. अवधि:

एनटी स्कैन में आमतौर पर लगभग 20-30 मिनट लगते हैं।

परिणामों को समझना (NT Scan Report)

एनटी स्कैन के नतीजे आमतौर पर आपके बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यता होने के रिस्क या संभावना के रूप में व्यक्त किए जाते हैं। अधिक सटीक जोखिम मूल्यांकन प्रदान करने के लिए इन परिणामों को आपकी उम्र और डबल मार्कर टेस्ट और एनआईपीटी टेस्ट जैसे विशिष्ट रक्त परीक्षणों जैसे अन्य कारकों के साथ जोड़ा जाता है।

कम जोखिम:(Low Risk)

कम एनटी का माप 3 मिलिमिटर से कम हो तो यह क्रोमोसोमल असामान्यताओं के कम जोखिम का संकेत देते हैं।

ज्यादा जोखिम: (Increased Risk)

अगर एनटी माप 3 मिलिमिटर या ज्यादा हो तो यह  क्रोमोसोमल असामान्यताओं के ज्यादा जोखिम होने का संकेत देते हैं। अन्य संबंधित कारकों से जोखिम मूल्यांकन में वृद्धि हो सकती है।

एन टी स्कैन की सटीकता (accuracy) क्या है?

ट्राइसॉमी 21 या डाउन सिंड्रोम Down syndrome के लगभग 70% मामलों की पहचान अकेले एनटी परीक्षण से की जा सकती है। एन टी स्कैन (NT Scan)मे अगर डाउन सिंड्रोम की रिस्क अगर ज्यादा है तो डॉक्टर कुच और ब्लड टेस्ट जैसे के डबल मार्कर टेस्ट (Double Marker Test) या  एन आय पी टी टेस्ट (NIPT Test) करने की सलाह देते है। इन ब्लड टेस्ट और मानक और एनटी स्कैन के साथ जोड़ते हैं। जब इन पहली तिमाही के रक्त परीक्षण और एन टी स्कैन के नतीजों को एकसाथ जोड़ा जाता है, तो क्रोमोसोमल विकारों की रिस्क होने की संभावना का निदान करने की सटीकता (accuracy) लगभग 95% तक बढ़ जाती है।

डबल मार्कर टेस्ट (Double Marker Test) के बारे मे ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।

एन आय पी टी टेस्ट (NIPT Test) के बारे मे ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एनटी स्कैन एक निश्चित निदान नहीं है, बल्कि जोखिम या रिस्क का अनुमान लगाने का एक माध्यम है ( Tool to estimate the risk). यदि एन टी स्कैन मे ज्यादा जोखिम (Increased Risk) का संकेत दिया हैं, तो आपके डॉक्टर आपको अधिक निर्णायक निदान (Definitive Diagnosis) प्रदान करने के लिए कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (Chorionic Villus Sampling) या एमनियोसेंटेसिस (Amniocentesis) जैसे आगे के परीक्षण की सिफारिश कर सकते है।

निष्कर्ष

प्रारंभिक गर्भावस्था में 11 से 14 हफ्तों तक बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम ( रिस्क ) का आकलन करने के लिए एनटी स्कैन एक उपयोगी साधन है। अल्ट्रासाउंड में एनटी ( न्यूकल ट्रान्सलूसंन्सी ) अगर ज्यादा आती है ( >3मम्मी )  तो बच्चे क्रोमोसोमल एनोमली होने का रिस्क ज्यादा होता है। लेकिन ये एक निश्चित निदान का साधन नही है। निश्चित निदान के लिए अमनिओसेंटेसिस या कोरिऑनिक व्हीलस सैंपलिंग जैसे टेस्ट करना आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

गर्भावस्था में एनटी स्कैन क्या है?

न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) स्कैन एक प्रसवपूर्व जांच परीक्षण ( अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी ) है जो आमतौर पर गर्भावस्था के 11वें से 14वें सप्ताह के आसपास किया जाता है। यह डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम का आकलन करने के लिए बच्चे की गर्दन के ऊतकों की मोटाई को मापता है।

एनटी स्कैन कैसे किया जाता है?

एनटी स्कैन एक प्रकार की सोनोग्राफी या अल्ट्रासाउंड है। इस अल्ट्रासाउंड में प्रशिक्षित सोनोग्राफर शिशु की गर्दन के पीछे की खाली जगह की मोटाई ( Nuchal Translucency ) मापने के लिए एक अल्ट्रासाउंड मशीन का उपयोग करता है। यह माप बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम का आकलन करने के लिए उपयोगी होता है। एन टी (Nuchal Translucency) 3 mm से ज्यादा आने पर बच्चे में क्रोमोसोमल विकार होने का रिस्क ज्यादा माना ज्याता है। निश्चित निदान के लिए अमनिओसेंटेसिस या कोरिऑनिक व्हीलस सैंपलिंग टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। 

एनटी स्कैन कब किया जाता है?

एनटी स्कैन आमतौर पर गर्भावस्था के 11वें और 14वें सप्ताह के बीच, आमतौर पर 12 वें सप्ताह के आसपास किया जाता है।

न्यूकल ट्रांसलूसेंसी की नॉर्मल रेंज क्या है?

न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) स्कैन माप की नॉर्मल रेंज आमतौर पर 3 मिलीमीटर (मिमी) से कम है। 3 मिलीमीटर से कम एनटी माप को सामान्य माना जाता है।

न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) स्कैन माप की नॉर्मल रेंज आमतौर पर 3 मिलीमीटर (मिमी) से कम है। 3 मिलीमीटर से कम एनटी माप को सामान्य माना जाता है।

गर्भावस्था में न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) स्कैन अनिवार्य नहीं है; यह एक वैकल्पिक स्क्रीनिंग टेस्ट है। एनटी स्कैन कराना है या नहीं, यह गर्भवती माता-पिता द्वारा अपने डॉक्टर के साथ लाभों और जोखिमों पर चर्चा करने के बाद लिया गया एक व्यक्तिगत निर्णय है। स्कैन कुछ क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकता है, लेकिन यह प्रसव पूर्व देखभाल का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।

भारत में एनटी स्कैन की कीमत क्या है? (NT Scan Price)

भारत में न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) स्कैन की लागत शहर, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और शामिल विशिष्ट सेवाओं के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है। वर्तमान में औसतन लागत 1,000 रुपये से 3,000 रुपये या इससे अधिक हो सकती है। 

क्या 3मिमी से ज्यादा एनटी वाला बच्चा सामान्य हो सकता है?

हां, 3मिमी से ज्यादा न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (एनटी) माप वाला बच्चा अभी भी सामान्य हो सकता है। जबकि 3मिमी से ज्यादा एनटी माप क्रोमोसोमल असामान्यताओं के उच्च जोखिम से जुड़ा है, लेकिन यह एक निश्चित निदान नहीं है। क्रोमोसोमल असामान्यताओं के नश्चित निदान के लिए अमनिओसेंटेसिस या कोरिऑनिक व्हीलस सैंपलिंग टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। 


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