Ultrasound in Pregnancy in Hindi


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नमस्कार! हमारे ब्लॉग “Ultrasound in Pregnancy in Hindi” में आपका स्वागत है। गर्भावस्था हर महिला के लिए एक खूबसूरत और परिवर्तनकारी यात्रा होती है, जो खुशी और कभी-कभी कुछ चिंताओं से भरी होती है। इस यात्रा का सबसे रोमांचक पहलू अल्ट्रासाउंड स्कैन के माध्यम से अपने बच्चे को पहली बार देखना है। इस ब्लॉग में, हमारा लक्ष्य गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड के बारे में हिंदी में व्यापक जानकारी प्रदान करना है। विभिन्न प्रकार के अल्ट्रासाउंड को समझने से लेकर शिशु की वृद्धि और विकास की निगरानी में उनके महत्व को हम इस ब्लॉग में जानेगे

अल्ट्रासाउंड क्या है? ( What is Ultrasound? )

अल्ट्रासाउंड, जिसे अक्सर सोनोग्राफी भी कहा जाता है, शरीर के अंदरूनी हिस्सों की छवियां बनाने के लिए उच्च-आवृत्ति (High Frequency) ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। अल्ट्रासाउंड मशीन शरीर में ध्वनि तरंगें भेजती हैं। ये तरंगें जब शरीर के विभिन्न हिस्सों से टकराती हैं तो वापस उछलती हैं। फिर सोनोग्राफी मशीन शरीर के विभिन्न हिस्सों को दिखाने वाली छवि बनाने के लिए इन बाउंस-बैक (वापस उछलती) तरंगों का उपयोग करती है। गर्भावस्था में, यह डॉक्टर को मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास की कल्पना और निगरानी करने की अनुमति देता है। ध्यान दें कि अल्ट्रासाउंड तरंगें शिशु के लिए हानिकारक नहीं होती हैं इसलिए गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से सुरक्षित है।

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गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड क्यों किया जाता है?

गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड भ्रूण ( गर्भ में बढ़ते बच्चे ) के विकास की निगरानी करने, और किसी भी संभावित असामान्यता या जटिलता का जल्द पता लगाने के लिए किया जाता है। यह बच्चे के विकास और गर्भावस्था के स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता हैं।

प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब कब होता है?

गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर अलग-अलग कारणों से गर्भावस्था की अलग-अलग गर्भकालीन आयु में 5 अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं। गर्भकालीन आयु की गणना अंतिम मासिक धर्म के पहले दिन से हफ्तों में की जाती है।

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गर्भावस्था में आम तौर पर निचे दिए गए अल्ट्रासाउंड किये जाते हैं:

  1. डेटिंग स्कैन: गर्भावस्था के 7 से 8 सप्ताह पर।
  2. एनटी स्कैन: गर्भावस्था के 11 से 13 सप्ताह में।
  3. एनोमली स्कैन या लेवल II स्कैन: गर्भावस्था के 18 से 22 सप्ताह में।
  4. ग्रोथ स्कैन 1: गर्भावस्था के 28 से 32 सप्ताह पर।
  5. ग्रोथ स्कैन 2: गर्भावस्था के 32 से 38 सप्ताह में।

ध्यान दें कि यदि शिशु के विकास को लेकर कोई चिंता है तो आपके डॉक्टर आपको 5 से अधिक अल्ट्रासाउंड स्कैन करने के लिए कह सकता है।

आइए प्रत्येक अल्ट्रासाउंड स्कैन को विस्तार से देखें।

1. डेटिंग स्कैन

डेटिंग स्कैन, आमतौर पर गर्भावस्था के 7 से 8 सप्ताह में किया जाता है।

महत्त्व:

  • भ्रूण की गर्भकालीन आयु का सटीक निर्धारण करने के लिए। यह उन गर्भवती माताओं के लिए बहुत उपयोगी है जिन्हें आखिरी मासिक धर्म की तारीख याद नहीं रहती या गर्भावस्था से पहले अनियमित मासिक धर्म होता है।
  • डिलीवरी की अपेक्षित तारीख (ईडीडी) जानना।
  • भ्रूण के दिल की धड़कन का पता लगाने के लिए: गर्भावस्था के 7वें सप्ताह में सोनोग्राफी में भ्रूण की दिल की धड़कनें देखी जा सकती हैं।
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी का निदान करने के लिए : यह पता लगा सकता है कि भ्रूण गर्भाशय के अंदर है या बाहर।
  • एक से अधिक गर्भधारण की पहचान करना: यह स्कैन यह पता लगा सकता है कि क्या एक से अधिक भ्रूण हैं(Twins, Triplets), जिसके लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
dating scan

  2. एनटी (न्यूकल ट्रांसलूसेंसी) स्कैन

यह गर्भावस्था के 11वें से 13 वें सप्ताह के बीच मे किया जाता है।

महत्त्व:

  • डाउन सिंड्रोम के लिए स्क्रीनिंग: बढ़ी हुई न्युकल ट्रांसलुसेंसी माप डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताओं के लिए एक उच्च जोखिम का संकेत दे सकती है।colour doppler ultrasound in pregnancy
  • प्रारंभिक जांच: यह संभावित जोखिमों का आकलन करने का एक प्रारंभिक अवसर प्रदान करता है, जिससे माता-पिता को आगे के नैदानिक ​​परीक्षणों और यदि आवश्यक हो तो गर्भावस्था को समाप्त करने के बारे में सूचित निर्णय लेने की अनुमति मिलती है।
NT Scan

  3. एनोमली स्कैन (Level 2 Ultrasound in Pregnancy)

यह आमतौर पर गर्भावस्था के 18 से 22 सप्ताह के बीच किया जाता है, एनोमली स्कैन भ्रूण की शारीरिक रचना या शरीर के अंगों की संरचना की विस्तृत जांच प्रदान करता है।

महत्त्व:

  • संरचनात्मक असामान्यताओं का पता लगाना: यह गर्भ में बढ़ते हुए बच्चे में कोई व्यंग है या नहीं यह जानने के लिए किया जाता है। यह स्कैन भ्रूण के अंगों, रीढ़ और अन्य चीजों का आकलन करता है, और किसी भी संरचनात्मक असामान्यताओं की पहचान करता है।
  • आश्वासन: नार्मल एनोमली स्कैन माता-पिता को उनके बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के संबंध में महत्वपूर्ण आश्वासन प्रदान कर सकता है।
  • प्रारंभिक निदान: एक बच्चे में संरचनात्मक असामान्यताओं का शीघ्र निदान दंपत्ति को गर्भावस्था की समाप्ति के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकता है।

याद रखिये भारत में कानून २४ हफ्ते तक गर्भपात करने की अनुमति देता है।  इस लिए एनोमली स्कैन २४ हफ्तों से पहले करना जरुरी है। 

Level 2 ultrasound in pregnancy

  4. ग्रोथ स्कैन 1

यह स्कैन गर्भावस्था के 28 से 32 सप्ताह में किया जाता है।

महत्त्व:

इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि बच्चा सही तरीके से बढ़ रहा है या नाही। इसमें बच्चे का वजन, गर्भजल, बच्चे की धड़कन और बच्चे के सभी अंग ठीक तरह से बढ़ रहे यां नाही यह चीजे देखी जाती है। अगर बच्चा सही तरह से नाही बढ़ रहा है तो इसके बारे में डॉक्टर आगे की सलाह और ट्रीटमेंट देते है।

  5. ग्रोथ स्कैन 2

यह स्कैन गर्भावस्था के 32 से 38 सप्ताह में किया जाता है। 

महत्त्व:

बच्चे के विकास की निगरानी: यह स्कैन सुनिश्चित करता है कि भ्रूण उचित रूप से बढ़ता रहे, खासकर जन्म से पहले महत्वपूर्ण अंतिम हफ्तों में।

जन्म की योजना बनाना: बच्चे के आकार और वृद्धि के बारे में सटीक जानकारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सुरक्षित प्रसव की योजना बनाने में मदद करती है, खासकर अगर भ्रूण के आकार या स्थिति के बारे में चिंता हो।

growth scan

अल्ट्रासाउंड के प्रकार

1. पेट का अल्ट्रासाउंड:

सोनोग्राफी जांच को पेट के ऊपर ले जाया जाता है, जिससे ध्वनि तरंगें निकलती हैं जो वापस लौटती हैं और एक छवि बनाती हैं। यह गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड का सबसे आम प्रकार है।

types of ultrasound

2. ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (टीवीएस)

गर्भावस्था की शुरुवाती दिनों में जब पेट के अल्ट्रासाउंड से बच्चे की छवि ठीक से नहीं दिखाई देती तब योनिमार्ग से अल्ट्रासाउंड किया जाता है जिसे टी वि यस या ट्रान्स वजाइनल अल्ट्रासाउंड कहा जाता है।  

3. 3डी और 4डी अल्ट्रासाउंड:

ये उन्नत तकनीकें त्रि-आयामी छवियां प्रदान करती हैं, जिससे भ्रूण का अधिक विस्तृत दृश्य देखने को मिलता है।

3d ultrasound

4. डॉपलर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound in Pregnancy, Colour Doppler Ultrasound in Pregnancy)

गर्भावस्था में डॉपलर अल्ट्रासाउंड बढ़ते बच्चे में रक्त के प्रवाह को मापता है। यह संभावित जटिलताओं का पता लगाने और विकासशील भ्रूण को उचित ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता करता है। यह प्रेगनेंसी में बढ़ा हुवा ब्लड प्रेशर (पीआईएच), गर्भाशय में बच्चे का ठीक से विकसित ना होना (आईयूजीआर) जैसी उच्च जोखिम गर्भावस्था में बहुत सहायक है।

Doppler Ultrasound

लाभ और सीमाएँ

फ़ायदे:

– प्रारंभिक जांच: अल्ट्रासाउंड कई गर्भधारण, संभावित जटिलताओं, या मुद्दों की जल्दी पहचान कर सकता है, जिससे समय पर हस्तक्षेप की अनुमति मिलती है।

– चिकित्सा निर्णय लेना: संभावित जटिलताओं के मामलों में, अल्ट्रासाउंड चिकित्सा निर्णयों का मार्गदर्शन करता है, जिससे मां और बच्चे के लिए सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित होते हैं।

– जुड़ाव: माता-पिता के लिए, अपने बच्चे की छवि देखना भावनात्मक बंधन को मजबूत करता है।

सीमाएँ

कभी-कभी जब गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड होता है, तो डॉक्टर सब कुछ स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं। ऐसा माँ के पेट का मोटापा या बच्चे का अच्छी स्थिति में न होने जैसी चीज़ों के कारण हो सकता है। इससे डॉक्टरों के लिए यह निश्चित रूप से जानना कठिन हो सकता है कि बच्चा स्वस्थ है या नहीं। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड हमेशा बच्चे को होने वाली कुछ संरचनात्मक विसंगतियों या आनुवंशिक स्थितियों पर विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं कर सकती है

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखने के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण हैं। गर्भावस्था की पुष्टि करने से लेकर बच्चे को बढ़ते हुए देखने तक, अल्ट्रासाउंड हमें बहुमूल्य जानकारी देते हैं जो डॉक्टरों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने में मार्गदर्शन करते हैं। हमें उम्मीद है कि यह ब्लॉग गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड की भूमिका को हिंदी में समझाने में सहायक रहा होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड कब कब होता है?
गर्भावस्था में डॉपलर अल्ट्रासाउंड कब किया जाता है? (Doppler Ultrasound in Pregnancy, Colour Doppler Ultrasound in Pregnancy)
गर्भावस्था में लेवल 2 अल्ट्रासाउंड क्या है?
गर्भावस्था के किस सप्ताह में पहला अल्ट्रासाउंड किया जाता है?
अल्ट्रासाउंड कितनी जल्दी गर्भावस्था का पता लगा सकता है?
अल्ट्रासाउंड द्वारा भ्रूण की दिल की धड़कन का पता कब लगाया जा सकता है?
क्या गर्भावस्था में बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने से शिशु को नुकसान हो सकता है?
क्या प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड खाली पेट होता है?

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